सचमुच पूरा शहर ही बीमार सा हो गया आजकल....पर सही है चहल पहल तो फिर लौट आयेगी पहले कोविड 19 को अलविदा कहें.....बहुत सुन्दर समसामयिक सृजनवाह!!!
बहुत सटीक यथार्थवादी लेखन ।
बीमार ही नहीं डरवाना भी लग रहा हैं अपना शहर , बेहतरीन सृजन ,सादर नमस्कार आपको
बीमार भी ऐसा कि बहुत भयावह और सूने होते जा रहे हैं सभी शहर प्रिय शुभा जी सार्थक प्रस्तुति थोड़े शब्दों में | रही सही कसार कोरोना की दस्तक ने पूरी कर दी | हार्दिक शुभकामनाएं
वाह! प्रदूषण को भी कितनी सजीवता से उतार दिया है आपने इन शब्दों में - 'बस धुआं ही धुआं/ खांसते लोग...'!
बहुत-बहुत धन्यवाद यशोदा बहन ,मेरी रचना को ,मेरी धरोहर में साँझा करनें के लिए ।
सचमुच पूरा शहर ही बीमार सा हो गया आजकल....
ReplyDeleteपर सही है चहल पहल तो फिर लौट आयेगी पहले कोविड 19 को अलविदा कहें.....
बहुत सुन्दर समसामयिक सृजन
वाह!!!
बहुत सटीक यथार्थवादी लेखन ।
ReplyDeleteबीमार ही नहीं डरवाना भी लग रहा हैं अपना शहर , बेहतरीन सृजन ,सादर नमस्कार आपको
ReplyDeleteबीमार भी ऐसा कि बहुत भयावह और सूने होते जा रहे हैं सभी शहर प्रिय शुभा जी सार्थक प्रस्तुति थोड़े शब्दों में | रही सही कसार कोरोना की दस्तक ने पूरी कर दी | हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteवाह! प्रदूषण को भी कितनी सजीवता से उतार दिया है आपने इन शब्दों में - 'बस धुआं ही धुआं/ खांसते लोग...'!
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद यशोदा बहन ,मेरी रचना को ,मेरी धरोहर में साँझा करनें के लिए ।
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