Saturday, March 21, 2020

बीमार सा लगता है मेरा शहर....शुभा मेहता

आज बीमार सा लगता है 
मेरा ये शहर 
कभी गुलजा़र हुआ करता था 
हर तरफ हुआ करती थी 
ताजा हवा ...
जिसके झोंके से 
मिलता था सुकून .
पेड़ों की शाखों पर 
गाते थे पक्षी ..
आज देखो तो 
बस धुआँ ही धुआँ 
खाँसते लोग ...
प्रदूषण के मारे 
बेहाल ......!!
      
लेखिका - शुभा मेहता 

6 comments:

  1. सचमुच पूरा शहर ही बीमार सा हो गया आजकल....
    पर सही है चहल पहल तो फिर लौट आयेगी पहले कोविड 19 को अलविदा कहें.....
    बहुत सुन्दर समसामयिक सृजन
    वाह!!!

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  2. बहुत सटीक यथार्थवादी लेखन ।

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  3. बीमार ही नहीं डरवाना भी लग रहा हैं अपना शहर , बेहतरीन सृजन ,सादर नमस्कार आपको

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  4. बीमार भी ऐसा कि बहुत भयावह और सूने होते जा रहे हैं सभी शहर प्रिय शुभा जी सार्थक प्रस्तुति थोड़े शब्दों में | रही सही कसार कोरोना की दस्तक ने पूरी कर दी | हार्दिक शुभकामनाएं

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  5. वाह! प्रदूषण को भी कितनी सजीवता से उतार दिया है आपने इन शब्दों में - 'बस धुआं ही धुआं/ खांसते लोग...'!

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  6. बहुत-बहुत धन्यवाद यशोदा बहन ,मेरी रचना को ,मेरी धरोहर में साँझा करनें के लिए ।

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