मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी है
मगर कैसे बताऊँ मैं ये किसकी मेहरबानी है
खुला ये राज़ मुझ पर ज़िंदगी का देर से शायद
तेरी दुनिया भी फानी है, मेरी दुनिया भी फ़ानी है
वफ़ा नाज़ुक सी कश्ती है ये अब डूबी कि तब डूबी
मुहब्बत में यकीं के साथ थोड़ी बदगुमानी है
तुम्हें हम फासलों से देखते थे औ'र मचलते थे
सज़ा बन जाती है कुरबत, अजब दिल की कहानी है
मिटा कर नक्श कदमों के, चलो अनजान बन जाएँ
मिलें शायद कभी हम-तुम, कि लंबी ज़िंदगानी है
ये मत पूछो कि कितने रंग पल-पल मैंने बदले हैं
ये मेरी ज़िंदगी क्या, एक मुजरिम की कहानी है
किताबे-उम्र का बस इक सबक़ ही याद है मुझको
तेरी कुर्बत में जो बीता वो लम्हा जावेदानी है
वफ़ा के नाम पर 'श्रद्धा' न हो कुर्बान अब कोई
कहानी हीर-रांझा की पुरानी थी, पुरानी है
---------श्रद्धा जैन
bahut umda Rachna ...yashoda , di
ReplyDeleteआभार..भाई सुरेश
Deleteकिताबे-उम्र का बस इक सबक़ ही याद है मुझको
ReplyDeleteतेरी कुर्बत में जो बीता वो लम्हा जावेदानी है
उम्दा अभिव्यक्ति ....!!
दीदी वन्दन
DeleteAtyant zordaar...sarthak prayaas ke liye badhai....
ReplyDeleteशुक्रिया रतन भाई
DeleteBehatareen Sada Ji,"sadayee aap ki poonam ka chand ho jaye,tabassum aap ke chehare ka ban noor cha jaye,>>>>>>" मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी है
ReplyDeleteमगर कैसे बताऊँ मैं ये किसकी मेहरबानी है
खुला ये राज़ मुझ पर ज़िंदगी का देर से शायद
तेरी दुनिया भी फानी है, मेरी दुनिया भी फ़ानी है
वफ़ा नाज़ुक सी कश्ती है ये अब डूबी कि तब डूबी
मुहब्बत में यकीं के साथ थोड़ी बदगुमानी है
मुहब्बत में यकीं के साथ थोड़ी बदगुमानी है...
ReplyDeleteman mijaj ki rachna..
बहुत ही खूबसूरत शेर
ReplyDeleteमिटा कर नक्श कदमों के, चलो अनजान बन जाएँ
ReplyDeleteमिलें शायद कभी हम-तुम, कि लंबी ज़िंदगानी है---बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति है .
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New post तुम ही हो दामिनी।
Very nice!
ReplyDeletehttp://voice-brijesh.blogspot.com
भावों से नाजुक शब्द.....
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