जो दिखती रंगीन जिन्दगी
वो सच में है दीन जिन्दगी
बचपन, यौवन और बुढ़ापा
होती सबकी तीन जिन्दगी
यौवन मीठा बोल सके तो
नहीं बुढ़ापा हीन जिन्दगी
जीते जो उलझन से लड़ के
उसकी है तल्लीन जिन्दगी
वही छिड़कते नमक जले पर
जिसकी है नमकीन जिन्दगी
दिल से हाथ मिले आपस में
होगी क्यों गमगीन जिन्दगी
जो करता है प्यार सुमन से
वो जीता शौकीन जिन्दगी
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-श्यामल सुमन....फेसबुक से
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteवाकई बहुत सुन्दर पंक्तियाँ है
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