Thursday, July 24, 2014

कभी मुझसे वो मिला भी है...........राहत इन्दौरी


जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है
वो शख़्स, सिर्फ भला ही नहीं, बुरा भी है

मैं पूजता हूं जिसे, उससे बेनियाज भी हूं
मेरी नज़र में वो पत्थर भी है, ख़ुदा भी है

सवाल नींद का होता तो कोई बात न थी
हमारे सामने ख़्वाबों का मसअला भी है

जवाब दे न सका, और बन गया दुश्मन
सवाल था ,के तेरे घर में आईना भी है

जरूर वो मेरे बारे में राय दें लेकिन 'राहत'
ये पूछ लेना कभी मुझसे वो मिला भी है

-राहत इन्दौरी 
प्राप्ति स्रोतः मधुरिमा


14 comments:

  1. Sundar Rachna....

    Swayheart.blogspot.in

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  2. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (25.07.2014) को "भाई-भाई का भाईचारा " (चर्चा अंक-1685)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।

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  3. बेहतरीन प्रस्‍तुति .... साझा करने का शुक्रिया

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  4. वाह ! क्या बात है ! बहुत सुंदर !

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  5. वाह ! क्या बात है ! बहुत सुंदर प्रस्तुति !

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  6. बेहतरीन गज़ल।

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  7. वाह ! वाह ! वाह !

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