Saturday, May 18, 2019

कविता की तलाश ......सरिता यादव

क्या लिखूँ मैं,
मेरे ख़ुदा मुझे एक कविता चाहिए।
कभी न सही 
अभी और इसी वक़्त चाहिए।
मेरे ख़ुदा मुझे एक कविता चाहिए, 
ताज न शोहरत चाहिए।
मेरे ख़ुदा मुझे 
कुछ शब्द चाहिए।
लिख सकूँ दिल की बात  
टूटी बिखरी यादों के अल्फ़ाज़
ढूँढ रही स्वछंद छंद।
ऐसी पंक्ति की कविता चाहिए 
मेरे ख़ुदा मुझे एक शब्द चाहिए।
मेरे ख़ुदा मुझे एक कविता चाहिए।
-सरिता यादव 

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