रुसवाई .. थोड़ी बदनामियों के साथ
कीजिये कुबूल हमें खामियों के साथ
भगवान, तो किसी को शैतान बना देना
सुलूक अच्छा नहीं ये आदमियों के साथ
सियासत ने ज्यादा मज़हबी बना दिया
सुबह सनातनी शाम नमाज़ियों के साथ
ख्वाहिशें, ख्वाब इफरात में मिलेगें
गुज़ारा कीजिये तो कमियों के साथ
कामयाबी से निभाया है ‘अमित’ ने
ये रिश्ता अपना नाकामियों के साथ
कीजिये कुबूल हमें खामियों के साथ
भगवान, तो किसी को शैतान बना देना
सुलूक अच्छा नहीं ये आदमियों के साथ
सियासत ने ज्यादा मज़हबी बना दिया
सुबह सनातनी शाम नमाज़ियों के साथ
ख्वाहिशें, ख्वाब इफरात में मिलेगें
गुज़ारा कीजिये तो कमियों के साथ
कामयाबी से निभाया है ‘अमित’ ने
ये रिश्ता अपना नाकामियों के साथ
-अमित हर्ष
बहुत खूब ,
ReplyDeleteमेरी नकामिओं ने मेरे लम्हात लिख दिए
गुज़री तमाम रात तन्हाईओं के साथ
अज़ीज़ जौनपुरी
बहुत बढ़िया ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा, शनिवार, दिनांक :- 03/05/2014 को "मेरी गुड़िया" :चर्चा मंच :चर्चा अंक:1601 पर.
ख्वाहिशें, ख्वाब इफरात में मिलेगें
ReplyDeleteगुज़ारा कीजिये तो कमियों के साथ
वाह .... बेहतरीन
सुंदर रचना.
ReplyDeleteसुंदर रचना व लेखन ! धन्यवाद !
ReplyDeleteनवीन प्रकाशन - ~ रसाहार के चमत्कार दिलाए १० प्रमुख रोगों के उपचार ~ { Magic Juices and Benefits }
बहुत सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteसियासत ने ज्यादा मज़हबी बना दिया
ReplyDeleteसुबह सनातनी शाम नमाज़ियों के साथ
वाह वाह बहत खूब अमित जी।
सुबह सनातनी शाम नमाज़ियों के साथ
ReplyDeleteबहुत बढ़िया, बखिया उधेड़ दी सियासतदानों की आपने
सियासत ने ज्यादा मज़हबी बना दिया
ReplyDeleteसुबह सनातनी शाम नमाज़ियों के साथ
अच्छा शेर है
ख्वाहिशें, ख्वाब इफरात में मिलेगें
ReplyDeleteगुज़ारा कीजिये तो कमियों के साथ
लाजवाब .. क्या बात !