Monday, August 26, 2019

गाँठ सुलझा रफ़ू..... विभा रानी श्रीवास्तव


प्रेम का धागा नहीं टूटता 
जब तक उसमें शक का दीमक
या
अविश्वास का घुन ना जुड़ता 
खोखला होगा तभी तो टूटेगा 
मैं जब कढ़ाई या बुनाई करती हूँ ...... तो जब गाँठ डालना होता है 
गाँठ डालना होगा न ... क्योंकि लम्बे धागे उलझते हैं 
और उलझाव से धुनते धुनते कमजोर भी होने लगते हैं 
और ऊन का 25 या 50 ग्राम का गोला होता है 
400 से 600 ग्राम का गोला तो 
मिलता नहीं ना 
जहाँ खत्म हुआ सिरा और शुरू होने वाला सिरा के पास
थोड़ा थोड़ा उधेड़ती हूँ 
फिर दोनों के दो दो छोर हो चार छोर हो जाते हैं 
दो दो छोर सामने से मिला बाट लेती हूँ
फिर गाँठ का पता नहीं चलता है
क्या रिश्ते के गाँठ को यूँ नहीं छुपाया 
जा सकता है 
कुछ कुछ छोर तक उधेड़ डालो न मन को 
हर गाँठ को सुलझाया जा सकता है
रफ़ू से चलती है जिंदगी


-- विभा रानी श्रीवास्तव 

11 comments:

  1. सस्नेहाशीष व अक्षय शुभकामनाओं संग हार्दिक आभार पुत्तर जी
    गौरव की बात है इस ब्लॉग पर शब्दों का पोस्ट होना

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  2. काव्य-कथा जीवन-कथा का एक अंश प्रस्तुत करती है और नीति ज्ञान को सरलतम रूप में प्रस्तुत करती है.
    प्रेरक रचना.
    सादर नमन दीदी.

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  3. जीवन यूं ही जीया जाता है ..जीने की उत्तम कला की सीख देती खूबसूरत रचना ।

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  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (27-08-2019) को "मिशन मंगल" (चर्चा अंक- 3440) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 27 अगस्त 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  6. आपनें तो जीवन जीने का सच्चा ज्ञान दे दिया आदरणीय विभा जी !

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  7. वाह बेहतरीन रचनाओं का संगम।एक से बढ़कर एक प्रस्तुति।
    BhojpuriSong.in

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  8. वाह बहुत ही सुंदर बात!
    रिश्तों के धागे यूं जोड़ों के समरस हो कोई गांठ ना रह जाए।
    अप्रतिम।

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  9. वाह!!!
    क्या बात कही है वैसे भी गाँठ बंधे रिश्ते मनमुटाव के साथ जीने से बेहतर है आपका सुझाया मार्ग...
    ऐसा वही कर सकता है जो आपकी तरह धागे पर भी गाँठ बनने ही न देता हो....
    बहुत ही लाजवाब...
    ये अनुभव ही नहीं सच्चा सार जीवन में रिश्तों के साथ खुश रहने का।

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  10. वाह अनुपम सृजन

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