पांच जून पर्यावरण दिवस पर विशेष
आओ आंगन-आंगन अपने
चम्पा-जूही-गुलाब-पलास लगाएं
सौंधी-सौंधी खूशबू से अपना
चमन चंदन-सा चमकाएं
हरियाली फैलाकर
ऑक्सीजन बढ़ाएं
फैले प्रदूषित वातावरण को मिटाएं
आओ, हम सब नन्हे-मुन्नो
घर-घर अलख जगाएं
पर्यावरण का पाठ
जगभर को पढ़ाएं।
- लालबहादुर श्रीवास्तव
स्रोतः वेब दुनिया
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (06.06.2014) को "रिश्तों में शर्तें क्यों " (चर्चा अंक-1635)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, वहाँ पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।
ReplyDeleteसुन्दर संदेशप्रद रचना.
ReplyDeleteसुन्दर सन्देश...
ReplyDeletesundar rachna ...........charo or hariyali rahe...............
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पर्यावरण सन्देश भरी प्रस्तुति
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