Sunday, June 16, 2013

आज पिता सम्मान पा रहे हैं...........यशोदा


शुभ प्रभात....
आज फादर्स डे
पितृ दिवस
नमन उनको

आज पिता सम्मान पा रहे हैं
कल किसने देखा..
और देखेगा भी कौन..
कि पिता किस हाल में हैं...
खाना गरम मिला या नहीं
... दवा समय पर मिली या नहीं
रात बिछौना का चादर बदला था या नहीं
ये तो अच्छा है कि मेरे पिता की अब स्मृति शेष है..
मैं अपने भाईयों-भाभियों को जानती-पहचानती हूँ
वे होते तो क्या हाल होता उनका
मेरा प्रणाम उनको......
अब सुखी तो हैं वो
क्षमा....
हकीकत लिख गई

सादर

10 comments:

  1. शुभप्रभात छोटी बहना
    आपकी हकीक़त से रु ब रु हूँ
    हार्दिक शुभकामनायें

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  2. कटु सत्य बयान करती सार्थक पोस्ट ! हमारा भी नमन उनकी स्मृतियों को !

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (16-06-2013) प्यार: पापा का : चर्चा मंच 1277 में "मयंक का कोना" पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. सम्वेदनाएँ एक दिवस तक सिमटी जा रही है.

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  5. बहुत सुन्दर और मर्मस्पर्शी रचनाएं हैं

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  6. ब्लॉग बुलेटिन की फदर्स डे स्पेशल बुलेटिन कहीं पापा को कहना न पड़े,"मैं हार गया" - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  7. पितृ दिवस को समर्पित बेहतरीन व सुन्दर रचना...
    शुभकामनायें...

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  8. एक दिवस में नहीं सिमट सकता पिता का प्यार ... आज कल लोग दिखावा करते हैं ..... काश लोग सच ही पिता को मन से सम्मान करते ।

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  9. पिता के जीवन जीने और भोगे हुये यथार्थ का मार्मिक सच
    अदभुत
    सादर

    आग्रह है
    पापा ---------

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