Wednesday, March 6, 2019

कहने दो मुझे कि प्यार है......स्मृति आदित्य पाण्डेय



मैं फिर कहूंगी, 
मुझे फिर-फिर कहना है 
तुम्हारा प्यार मेरा सौभाग्य है 
तुम कहोगे प्यार है तो है 
सबको बताना क्यों 
और मेरा जवाब होगा 
प्यार है तो है 
सबसे छिपाना क्यों 
तुम फिर कहोगे 
पर सबको क्यों बताना 
मैं फिर कहूंगी 
इसमें क्या छिपाना... 
तुम कहोगे मैं असहज हो जाता हूं 
मैं कहूंगी इस असहज दुनिया में 
बस यही सबसे सहज लफ्ज़ है 
जिसने बचा कर रखी है 
दुनिया की भीगी कोमलता 
दुनिया को बचाने में एक स्नेह बूंद 
मेरी तरफ से भी... कहने दो मुझे कि प्यार है...

- स्मृति आदित्य पाण्डेय

14 comments:

  1. मैं कहूंगी इस असहज दुनिया में
    बस यही सबसे सहज लफ्ज़ है
    जिसने बचा कर रखी है
    दुनिया की भीगी कोमलता
    वाह!!!!

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 07.03.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3267 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

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  3. सभी का शुक्रिया

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