मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Tuesday, October 21, 2014
अक्स तुम्हारा............राजेन्द्र जोशी
मैं उस रात
तम्हारे इन्तजार में
घर की छत पर
आधे चाँद को देखता रहा
तुम्हारी तलाश में
देखता रहा
उस आधे में भी
पूरा अक्स तुम्हारा..
-राजेन्द्र जोशी
.... हेल्थ, पत्रिका से
1 comment:
यशवन्त माथुर (Yashwant Raj Bali Mathur)
October 22, 2014 at 8:52 AM
बहुत ही बढ़िया
सादर
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बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर