Thursday, December 1, 2011

जलाया जाएगा या दफ़न होगा .................सचिन अग्रवाल "तन्हा"

सियासत के तिलिस्मों का हरेक मंतर बताता है
कहाँ कब कितना गिरना है ये क़द्दावर बताता है

जलाया जाएगा या दफ़न होगा मौत आने पर

उसे पूछो जो इन्सां खुद को सेकूलर बताता है ............

कहाँ थे राम, क्या थे राम, ये हम क्या बताएँगे
ये बातें तैरकर पानी पे हर पत्थर बताता है ...............

बहुत तफ़सील से देखी है ये दुनिया तमाम उसने
वो बूढा नीम के पत्तों को जो शक्कर बताता है .................

एक और मतला -

ज़माने भर में हर कोई उसे शायर बताता है
वो एक पागल जो दुनिया को अजायबघर बताता है .............
---------सचिन अग्रवाल 'तन्हा'




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3 comments:

  1. yashoda ji

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति,बधाई.

    मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें , आभारी होऊँगा.

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  2. यशोदा जी,
    आपका स्नेह, समर्थन मिला, आभारी हूँ. आपने धरोहर के रूप में रचना की मांग की है, इस समादर के प्रति भी आभार, जो रचनाएँ आपको अच्छी लगें , उन्हें चुन सकती हैं.

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