Tuesday, December 20, 2011

बीत रहा 2011 ..............यशोदा

पहली बार लिखी................पहली कविता..............ऐसा लगता है कि चक्कर आ रहा है..
दुबारा जब अपना लिखा पढ़ती हूं .................तो हर एक पंक्ति कहती है....................
कि मेरा उपयोग पहले कोई कर चुका.....पता नहीं.......आपकी अदालत की राय क्या होगी
अरे!!!!! देखो देखो ये जा रहा है..
ये 2011 ही जा रहा है
और..उस कोने में
कुछ हलचल है
किसी के आने की
तैय्यारी है
किसी के स्वागत की
पर किसकी???
2012 की
शायद किसी को नहीं मालूम
क्या खोया क्या पाया
2011 मे
नही मालूम
कितना अच्छा रहा बीत रहा वर्ष
लेकिन जाने वाले को तो
जाना ही है
जिसे आना है
उसे आना ही है
2012
उम्मीद है मुझ को
तुम भी ऐसे ही बनना
खड़े रहना मेरे साथ
जैसे रहा हर कदम पर
बीता 2011
मार्गदर्शकः भाई यशवन्त माथुर

1 comment:

  1. पहली कविता बहुत अच्छी लगी दीदी ।
    ऐसे ही लिखती रहिये।

    सादर

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