Saturday, June 16, 2018

कुछ हाईकू.................सीमा 'सदा' सिंघल

एक मिठास
मन की मन से है
जश्‍न ईद का
............
ईदी ईद की
संग आशीषों के ये
जो नवाजती
...
चाँद ईद का
नज़र जब आये
ईद हो जाए
..
पाक़ीजा रस्‍म
निभाओ गले मिल 
ईद  के दिन
.....
नेकअमल
रोज़ेदार के लिए
जश्‍न ईद का 
..........

दुआ के संग
जब भी ईदी मिले
चेहरा खिले
-सीमा 'सदा' सिंघल

3 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (17-06-2018) को "पितृ दिवस के अवसर पर" (चर्चा अंक-3003) (चर्चा अंक-2997) (चर्चा अंक-2969) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. सामयिक हाइकु

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