Thursday, December 1, 2016

उलटफेर भरी दुनिया......कश्मीर ठाकुर


हर दम
रूआंसा रहता हूँ 
ताज्जुब!
मुझे रोना आता नहीं

उदासियों के
बबंड़र में
फंसा-धंसा हूँ
आश्चर्य!
मुझे ग़मगीन होना आता नहीं। 

ये उलटफेर श्री
है
सारी की सारी दुनिया
जीना चाहता हूँ 
मगर
मरना आता नहीं!
-कश्मीर ठाकुर 

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