लड़की - १
लड़की
सोचा करो
बोलने से पहले
क्योंकि तुम्हारे बोलने से
डोलने लगती है
पैरों के नीचे की धरती
संकट में पड़ जाते हैं अस्तित्व।
.....
लड़की - २
लड़की
तुम्हारे लबों पर बैठी
ख़ामोशी चाबी है
घर की ख़ुशी की
जिससे खुल जाता है
ख़ुशी का कोई भी दरवाज़ा
पर
उस दरवाज़े के भीतर से
झाँकते तुम्हारे चेहरे पर
पड़ गईं हैं
दर्द की कभी न
मिटने वाली दरारें।
-डॉ. ऋतु त्यागी
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सुन्दर ।
ReplyDeleteलड़की को बयान करती कविता , संवेदनशील
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ReplyDeleteLadki ko khamosh rahana hee to sikhaya java hai.
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