मुझे अच्छी लगती है
दूसरे या तीसरे नंबर की वे बेटियां
जो बेटों के इंतजार में जन्म लेती है....
और जाने कितने बेटों को पीछे कर आगे बढ़ जाती है,
बिना किसी से कोई उम्मीद या अपेक्षा किए
क्या कहीं किसी घर में
बेटी के इंतजार में जन्मे
बेटे कर पाते हैं यह कमाल....
अगर नहीं
तो चाहती हूं कि
हर बार बेटों के इंतजार में
जन्म लेती रहें बेटियां...
पोंछ कर अपने चेहरे से
छलकता तमाम
अपराध बोध...
आगे बढ़ती रहे बेटियां...
बार-बार जन्म लेती रहे बेटियां...
-स्मृति आदित्य जोशी "फाल्गुनी"


आगे बढ़ती रहे बेटियां...
ReplyDeleteबार-बार जन्म लेती रहे बेटियां..
सच कहाँ आपने ..... अच्छी कविता.. आभार
http://savanxxx.blogspot.in
बढ़िया और मेरे से अच्छा इस को कौन समझता है पाँच के बाद छठे नंबर पर पहला बेटा जो हूँ ।
ReplyDeleteवाह ....उम्दा सोच आपकी...सहमत हूँ आपसे
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है
ReplyDeletebahut hi khubsurat shabd hain. I love my baby girl
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में मंगलवार, 28 अक्टूबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुंदर
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