माना कि बाहों में हो फूल सदा ,
ये जरूरी तो नही ।
काँटों का दर्द भी ,
कभी तो सहना होगा।
राहों में छाव हो सदा,
ये जरूरी तो नहीं।
धुप की चुभन में,
कभी तो रहना होगा ।
हंसी खिलती रहे सदा ,
ये जरूरी तो नहीं।
पलकों पर जमे अश्को को,
कभी तो बहना होगा।
हर पल रहे खुशनुमा सदा,
ये जरूरी तो नहीं,
थम सी गयी है जिन्दगी,
कभी तो कहना होगा।
पर तुम्हें
ये जरूरी तो नही ।
काँटों का दर्द भी ,
कभी तो सहना होगा।
राहों में छाव हो सदा,
ये जरूरी तो नहीं।
धुप की चुभन में,
कभी तो रहना होगा ।
हंसी खिलती रहे सदा ,
ये जरूरी तो नहीं।
पलकों पर जमे अश्को को,
कभी तो बहना होगा।
हर पल रहे खुशनुमा सदा,
ये जरूरी तो नहीं,
थम सी गयी है जिन्दगी,
कभी तो कहना होगा।
पर तुम्हें
खुश रहने की कोशिश तो करना होगा |
-शिखा वर्मा
गूगल + से
हर पल रहे खुशनुमा सदा,
ReplyDeleteये जरूरी तो नहीं....
जरूरी तो सिर्फ ये है कि...
एहसास बिखेरता रहे ये मन-प्राण
जैसा आपने बिखेरा अपने शब्दों में
बाकी सब दिखावा... बाहर का छलावा
---------------------------------
बहुत अच्छा लिखा आपने....हमारी बधाई...
शुक्रिया राहुल
Deleteहर पल रहे खुशनुमा सदा,
ReplyDeleteये जरूरी तो नहीं....
इतनी सुन्दर कविता के लिये चार पंतियां समर्पित हैं।
भाषा सरल,सहज यह कविता,
भावाव्यक्ति है अति सुन्दर।
यह सच है सबके यौवन में,
ऐसी कविता सबके अन्दर।
कब लिख जाती कैसे लिखती,
हमें न मालुम होता अकसर।
धन्यवाद मदन भाई
Deleteअतिसुंदर...
ReplyDeleteबड़ी सरलता व सहजता से लिखी हुई ये पंक्तियाँ|
शुभप्रभात छोटी बहना :)
ReplyDeleteथम सी गयी है जिन्दगी,
कभी तो कहना होगा।
पर तुम्हें
खुश रहने की कोशिश तो करना होगा |
हर पल रहे खुशनुमा सदा,
ये जरूरी तो नहीं !
दीदी प्रणाम
Deleteधन्यवाद दीदी
जीवन के संग -संग बहना होगा ,जीवन हंसी भी जीवन रुदन भी ,जीवन ख़ुशी भी जीवन घुटन भी ,जो न जीवन की गत पर गाये ,उसे नहीं जीने का हक़ है ...का फलसफा आपने समझा दिया ,बढिया रचना .बढ़िया बहुत बढ़िया हलचल नै भी पुरानी भी ....
ReplyDeleteram ram bhai
शनिवार, 1 सितम्बर 2012
अमरीकियों का स्वान प्रेम और पर्यावरण
अमरीकियों का स्वान प्रेम और पर्यावरण
Home is where My dog is.
खूबसूरत चयन ...
ReplyDeleteदीदी प्रणाम
Deleteमेरी पसंद आपको अच्छी लगी
धन्यवाद दीदी
sundar , saarthak rachanaa , badhayi
ReplyDeleteशुक्रिया अजय भाई
Deleteसुन्दर कविता
ReplyDeletesach kaha kosish jaruri hai khush rehne ki....
ReplyDeletesundar:-)
हर पल रहे खुशनुमा सदा,
ReplyDeleteये जरूरी तो नहीं,
थम सी गयी है जिन्दगी,
कभी तो कहना होगा।
पर तुम्हें
खुश रहने की कोशिश तो करना होगा |
Dharti lok ke arambh se hi Dvait her zindagi ka atoot ang he. Nishkam reh ke zindagi jo kata kre ; khush rhe herdum jub sub me khushi bantta kre .
ReplyDelete