Monday, August 1, 2022

सज रही बारात होगी ..अमन जी. मिश्रा


जब तुम्हारी बात होगी
वो ग़ज़ल की रात होगी

गुनगुनाए गीत सावन
रिमझिमी बरसात होगी

चाँद छत पे और वो भी
देखिये क्या बात होगी

आज ऐसा लग रहा है
प्रेम की शुरुआत होगी

और शायद ख़्वाब में ही
सज रही बारात होगी
- अमन जी. मिश्रा

7 comments:

  1. वाह!!!
    बहुत ही लाजवाब ।

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  2. जिज्ञासा सिंहAugust 2, 2022 at 8:45 AM

    बहुत सुंदर सराहनीय ग़ज़ल !

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  3. बेहतरीन ग़ज़ल

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  4. वाह वाह सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति 👌👌🙏

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