Sunday, August 9, 2020

घोसला ..डॉ. अनुपमा गुप्ता


वह ढेर, सारे तिनकों का
बहुत सारी मेहनत
और अखंडित लगन से
बनाती है एक घोसला
जिसमें पालती है
अपने दुधमुहों को
और मांगती है दुआ
कि उनके अपने बच्चे
न भूलें, यह घोसला
-डॉ. अनुपमा गुप्ता
रसरंग से

4 comments:

  1. वाह!!!!
    बहुत सुन्दर...।

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  2. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार (10 अगस्त 2020) को 'रेत की आँधी' (चर्चा अंक 3789) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    --
    -रवीन्द्र सिंह यादव

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