Monday, August 10, 2020

ख़फ़ा ............अमित जैन ‘मौलिक’

सारा चमन जला बैठे 
वे क्यों ख़फ़ा ख़फा बैठे

देर लगी क्यों आने में 
कब से हम तन्हा बैठे

प्यार से पूछा उसने जो 
सारा हाल सुना बैठे

गज़ब हुआ उस रात को हम 
चाँद को चाँद दिखा बैठे

हंगामा क्यों बरपा है 
जो उसको ख़ुदा बना बैठे
-अमित जैन ‘मौलिक’

5 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 10 अगस्त 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. सुन्दर प्रस्तुति

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