उसे होठों पे लाओ तो कोई बात बने
ख्वाब रोज़ रातों को देखा करते हो
कभी हकीकत में आओ तो कोई बात बने
यूं तो धरती पर सदियों से रहते हैं हम
तुम आसमां छू के दिखाओ तो कोई बात बने
फूलों की खुशबू में खोये रहते हो रात दिन
कभी काँटों में मुस्कुराओ तो कोई बात बने
फूलों की खुशबू में खोये रहते हो रात दिन
कभी काँटों में मुस्कुराओ तो कोई बात बने
मुझे यकीं है तुम मंजिल को पा लोगे एक दिन
एक राह मुझको भी दिखाओ तो कोई बात बने
यूं तो एहसास है हम सभी को अपने गमों का
गैरों के आँसू अपनी आँख में लाओ तो कोई बात बने
खुद झूठे हो मुझसे वफा की उम्मीद करते हो
कभी दिल के अंधेरे को मिटाओ तो कोई बात बने
ये धर्म ये समाज ये दक़ियानूसी बातें
खुद को इनसे जुदा पाओ तो कोई बात बने
लाख कोशिश के बाद कुछ न कुछ बन जाओगे तुम भी
किसी के दिल में थोड़ी सी जगह पाओ तो कोई बात बने
एक राह मुझको भी दिखाओ तो कोई बात बने
यूं तो एहसास है हम सभी को अपने गमों का
गैरों के आँसू अपनी आँख में लाओ तो कोई बात बने
खुद झूठे हो मुझसे वफा की उम्मीद करते हो
कभी दिल के अंधेरे को मिटाओ तो कोई बात बने
ये धर्म ये समाज ये दक़ियानूसी बातें
खुद को इनसे जुदा पाओ तो कोई बात बने
लाख कोशिश के बाद कुछ न कुछ बन जाओगे तुम भी
किसी के दिल में थोड़ी सी जगह पाओ तो कोई बात बने
-----मनीष गुप्ता
मुझे यकीं है तुम मंजिल को पा लोगे एक दिन
ReplyDeleteएक राह मुझको भी दिखाओ तो कोई बात बने
यूं तो एहसास है हम सभी को अपने गमों का
गैरों के आँसू अपनी आँख में लाओ तो कोई बात बने
वाह ...बहुत खूब ...इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आभार ।
शुक्रिया....
Deleteआभार....
sundar rachna .jab yuva hindi men ljkhten haen to man se duaa karti hun ki sda hi anvarat ye safar chalta rhe.
ReplyDeleteशुक्रिया संगीता जी
Deleteआभार ||
ReplyDeleteये धर्म ये समाज ये दक़ियानूसी बातें
ReplyDeleteखुद को इनसे जुदा पाओ तो कोई बात बने
Bahut Sunder...
बहुत खूब.
Deleteकृपया मेरी १५० वीं पोस्ट पर पधारने का कष्ट करें , अपनी राय दें , आभारी होऊंगा .
फूलों की खुशबू में खोये रहते हो रात दिन
ReplyDeleteकभी काँटों में मुस्कुराओ तो कोई बात बने
सुनते - पढ़ते सब , हकीकत में अपनाएँ तो सार्थक बने .... !!
शुक्रिया दीदी
Deleteशुभ प्रभात
बहुत खूबसूरत गज़ल
ReplyDeleteबहूत हि बेहतरीन रचना...
ReplyDeleteशुक्रिया रीना बहन
Deleteयूं तो एहसास है हम सभी को अपने गमों का
ReplyDeleteगैरों के आँसू अपनी आँख में लाओ तो कोई बात बने
खुद झूठे हो मुझसे वफा की उम्मीद करते हो
कभी दिल के अंधेरे को मिटाओ तो कोई बात बने
इन्सान होने का तकाजा यही है की किसी के काम आये..
..बहुत सुन्दर नेक प्रस्तुति ...
शुभ प्रभात
Deleteशुक्रिया
शुभ प्रभात
ReplyDeleteधन्यवाद