मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Monday, August 1, 2022
सज रही बारात होगी ..अमन जी. मिश्रा
जब तुम्हारी बात होगी
वो ग़ज़ल की रात होगी
गुनगुनाए गीत सावन
रिमझिमी बरसात होगी
चाँद छत पे और वो भी
देखिये क्या बात होगी
आज ऐसा लग रहा है
प्रेम की शुरुआत होगी
और शायद ख़्वाब में ही
सज रही बारात होगी
- अमन जी. मिश्रा
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