कि बे-शतर ये सफ़र आशिकी ने काट दिया
जो बच गया था तेरी बन्दगी ने काट दिया
वो मौत से भी अधिक खौफनाक था यारों
मगर वो दर्द ,मरी ज़िन्दगी ने काट दिया
दगा दिया है मुसीबत में जब भी अपनों ने
खला वो दोस्त ! तेरी दोस्ती ने काट दिया
गला सकीं न शराबें मुहीब लम्हे को
वो तेरे साथ घड़ी दो घड़ी ने काट दिया
दिया है दर्द ही संजीदगी ने हद दर्ज़ा
डॉ. श्याम सखा श्याम
परिचय: डॉ. श्याम सखा श्याम
( श्याम मोदगिल )जन्म 28 अगस्त 1946 रोहतक ( हरियाणा)
शिक्षा MBBS, DTD,FCGP