मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह

Wednesday, September 30, 2020

भीगना है बहुत जरूरी तब

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बाद   मुद्दत    करार   आ   जाये । गर   तू  आये   बहार  आ   जाये ।। भीगना   है   बहुत   जरूरी   तब । जब समुंदर  में  ज्वार  आ  जाये ।। ऐ क़मर ...
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अकेले खड़े हो ..सुजाता प्रिय

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अकेले खड़े हो मुझे तुम बुला लो। मायुस क्यों हो ,जरा मुस्कुरा लो। रात है काली और अँधेरा घना है, तम दूर होगा तू दीपक जला लो। भरोसा न तोड़ो, मं...
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Monday, September 28, 2020

पर खबरदार!!! अनर्थ को ललकारने से बचना ...प्रगति मिश्रा 'सधु'

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अनर्थ को ललकारने से बचना हूँ सहनशील पर इतना नहीं कि, राह के पाषाण की तरह कोई ठोकर मार दे...और ढलमलाते एक कोने से दूसरे कोने में जा गिरे...। ...
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Saturday, September 26, 2020

स्याही की बूंद ....पावनी जानिब

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मैं स्याही की बूंद हूं जिसने जैसा चाहा लिखा मुझे मैं क्या हूं कोई ना जाने अपने मन सा गढा़ मुझे। भटक रही हूं अक्षर बनकर महफिल से वीराने में क...
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Friday, September 25, 2020

किवाड़...रचनाकार की तलाश है

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क्या आपको पता है ? कि किवाड़ की जो जोड़ी होती है, उसका एक पल्ला स्त्री और,  दूसरा पल्ला पुरुष होता है। ये घर की चौखट से जुड़े - जड़े रहते हैं। ह...
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Thursday, September 24, 2020

मुझे जलाना ऐसे धुआं न निकले...पावनी जानिब

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कुछ इस तरह मैं करूं मोहब्बत सम्हल के भी तू कभी न सम्हले बस इतना हो जब उठे जनाजा हमारा और दम तुम्हारा निकले। मैं टूट जाऊं तो गम नहीं है सितम ...
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Tuesday, September 22, 2020

इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता ....अज्ञात

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इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता ....अज्ञात  मस्जिद पे गिरता है मंदिर पे भी बरसता है.. ए बादल बता तेरा मजहब कौन सा है........।। इमाम की तू प्य...
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Contributors

  • Digvijay Agrawal
  • Sweta sinha
  • yashoda Agrawal
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