मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Monday, August 10, 2020
ख़फ़ा ............अमित जैन ‘मौलिक’
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सारा चमन जला बैठे वे क्यों ख़फ़ा ख़फा बैठे देर लगी क्यों आने में कब से हम तन्हा बैठे प्यार से पूछा उसने जो सारा हाल सुन...
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Sunday, August 9, 2020
घोसला ..डॉ. अनुपमा गुप्ता
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वह ढेर, सारे तिनकों का बहुत सारी मेहनत और अखंडित लगन से बनाती है एक घोसला जिसमें पालती है अपने दुधमुहों को और मांगती है दुआ ...
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Friday, August 7, 2020
मेरा पुरुष बहुरूपिया ...फणीश्वर नाथ रेणु
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दुनिया दूषती है हँसती है उँगलियाँ उठा कहती है ... कहकहे कसती है - राम रे राम! क्या पहरावा है क्या चाल-ढाल सबड़-झबड़ आल-ज...
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Wednesday, August 5, 2020
उनके गम तो मिले हैं ...पावनी दीक्षित "जानिब"
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तू है आसमा और मैं हूं ज़मीं तेरा मेरा मिलन होना मुश्किल है। मैं सागर किनारे पड़ी रेत हूं मेरी किस्मत में ना कोई साहिल है। क्...
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Tuesday, August 4, 2020
क़ौमियत, इंसानियत का आइना हो जायेगी ...ब्रजमोहन दत्तात्रेय कैफ़ी
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13 दिसम्बर 1866 – 1 नवम्बर 1955 देख लेना तुम कि दुनिया क्या से क्या हो जाएगी और ही कुछ बाग़-ए-आलम की हवा हो जाएगी क़िस्से सब दैर-ओ-हर...
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Monday, August 3, 2020
ग़म के फ़साने में उलझ जाता हूँ ...डॉ. नवीन मणि त्रिपाठी
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2122 1122 1122 22 हाले दिल सुनने सुनाने में उलझ जाता हूँ । मैं तेरे ग़म के फ़साने में उलझ जाता हूँ ।। जाने कैसी है क़शिश उसकी सदा म...
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Sunday, August 2, 2020
तुम एक टूटा हुआ काँटा हो ...पूजा प्रियंवदा
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वक़्त को कितना भी बारीक़ गूँधो कुछ पछ्तावों की किरचें रहती हैं जैसे किसी गुम चोट का दर्द जो है तो लेकिन कहाँ है ऊँगली से छुआ नही...
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