मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Sunday, December 10, 2017
अमलतास....श्वेता मिश्र
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छुवन तुम्हारे शब्दों की उठती गिरती लहरें मेरे मन की ऋतुएँ हो पुलकित या उदास साक्षी बन खड़ा है मेरे आँगन का ये अमलतास...... गुच...
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Saturday, December 9, 2017
अहसास....डॉ. सरिता मेहता
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इक सहमी सहमी आहट है इक महका महका साया है। अहसास की इस तन्हाई में, ये साँझ ढले कौन आया है। ये अहसास है या कोई सपना है, या मेर...
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Friday, December 8, 2017
ये जर जर हवेली.....कुसुम कोठारी
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जर जर हवेलियां भी संभाले खडी है प्यार की सौगातें कभी झांका था एक नन्हा अंकुर दिल की खिडकी खोल संजोये रखूंगी प्यार से जब तक खुद न ...
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Thursday, December 7, 2017
तेरी सदा पे मुझे लौटना पड़ा....आलोक यादव
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आँखों की बारिशों से मेरा वास्ता पड़ा जब भीगने लगा तो मुझे लौटना पड़ा क्यों मैं दिशा बदल न सका अपनी राह की क्यों मेरे रास्ते मे...
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Wednesday, December 6, 2017
केंचुए ....मंजू मिश्रा
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काट दिये पर सिल दी गयीं जुबानें और आँखों पर पट्टी भी बाँध दी इस सबके बाद दे दी हाथ में कलम कि लो अब लिखो निष्पक्ष हो कर त...
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Tuesday, December 5, 2017
कैसे-कैसे गिले याद आए.....ख़ुमार बाराबंकवी
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वो सवा याद आये भुलाने के बाद जिंदगी बढ़ गई ज़हर खाने के बाद दिल सुलगता रहा आशियाने के बाद आग ठंडी हुई इक ज़माने के बाद रौश...
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Monday, December 4, 2017
ऐसी ख़ुशबू पहले कभी न थी....कुसुम सिन्हा
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हवाओं में ऐसी ख़ुशबू पहले कभी न थी ये चाल बहकी बहकी पहले कभी न थी ज़ुल्फ़ ने खुलके उसका चेहरा छुपा लिया घटा आसमा पे ऐसी पहले कभी न ...
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