काट दिये पर
सिल दी गयीं जुबानें
और आँखों पर पट्टी भी बाँध दी
इस सबके बाद दे दी हाथ में कलम
कि लो अब लिखो निष्पक्ष हो कर
तुम्हारा फैसला जो भी हो
बेझिझक लिखना
-:-
गूंगे बहरे लाचार
आपके रहमो करम पर जिन्दा लोग
क्या मजाल कि जाएँ आपके खिलाफ
ऐसी जुर्रत भी करें हमारी मति मारी गई है क्या
हुजूर माई बाप आप की दया है तो हम हैं
आप का जलवा सदा कायम रहे और
हमारे कांधों पर पाँव रख कर
आप अपना परचम लहरायें
विश्व विजयी कहलाएँ
-:-
हम तो बस
सदियों से यूँ ही
तालियाँ बजाते आये हैं
आगे भी वही करेंगे राजा चाहे जो हो
हमें क्या, भूखे प्यासे रोयेंगे तड़पेंगे
मगर राजा की जय बोलेंगे
और हक़ नहीं भीख के
टुकड़ों पर पलेंगे
-:-
जब जी चाहे
पुचकारो मतलब निकालो
फिर गाली दे कर हकाल दो
हम इंसान कहाँ कुत्ते हैं
दर असल हम कुत्ते भी नहीं
वो भी कभी कभी भौंक कर काट लेते हैं
हम तो उस से भी गये गुजरे
रीढ़ विहीन, शायद
केंचुए हैं
वाह
ReplyDeleteवाह....बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...।
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeletewah!!!!
ReplyDeleteबहुत खूब कहा. हम रीढ़ विहीन केंचूए हैं
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