दुःख - दर्द की इन लहरों के बीच
डूबती तैरती मैं
कुछ पल जीने की
कोशिश कर लेती हूँ
जीवन का मतलब ही बहना है
और फिर मैं तो सरिता हूँ
शिकायतों के पिटारे ना खोल
मुसीबतों के पहाड़ ना बना
दुख बयाँ ना कर
बस बहती जा
दर्द ना बांट किसी से
अपने ज़ख़्म ना दिखा
इन आहों को दबा
ये आँसू ना बहा
बस बहती जा .
-सरिता सागर
बहुत सुन्दर रचना।
ReplyDeleteमैंने अभी आपका ब्लॉग पढ़ा है, यह बहुत ही शानदार है।
ReplyDeleteBhojpuri Song Download
बहुत सुंदर सखी,
ReplyDeleteधरती का धैर्य रख
जो अंकुर को प्रस्फूटित
करने स्वयं का सीना चीर दे
आंसुओं पर पहरे रख
ये यूं ना बहा कि
नूर ही को दे ।
वाह बहुत सुन्दर सृजन
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