Thursday, April 4, 2013

बस इकरार नहीं करता..............संकलन....सोनू अग्रवाल


वो अब मेरी किसी बात पर इनकार नहीं करता
प्यार उसे भी है बस इकरार नहीं करता....


ख्यालो में उसने कहीं हमको ही बसा रखा है...
फिर भी मोहब्बत का वो हमसे इजहार नहीं करता


झुका लेता है नजरे वो देख कर हमको....
महफिल में ऐसा तो कोई फनकार नहीं करता


आँखों की नमी भी दिल तक उतर आती है उस पल
खफा होकर भी जब वो मुझसे तकरार नहीं करता.


--संकलन....सोनू अग्रवाल


5 comments:

  1. बहुत बेहतरीन रचना,आभार.

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  2. बेहतरीन, इजहार इकरार का तकरार

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  3. बहुत खूबसूरत ग़ज़ल .....

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  4. हर बार लगा देती हो नए और नायाब संकलन
    ऐसा गज़ब का काम कोई बार-बार नहीं करता :)

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  5. खफा होकर भी जब वो मुझसे तकरार नहीं करता.----gajab

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