एक इजाजत तुमको प्यार से छूने की
एक फिर तुमको चाहने की
एक और फिर सपने में आने की
आकर हाले दिल बताने की
एक इजाजत चाँद तुमको कहने की
एक फिर चाँद को पाने की
एक भीनी चांदनी की लौ में फिर
सारी रात बिताने की
एक इजाजत तेरी आँखों में डूब जाने की
एक फिर नशीली झील मे डूब जाने की
एक प्याला उस जाम का फिर
तुम्हारे हाथ से पीने की
एक इजाजत और है बस तेरी बाहों में सोने की
एक फिर सीने की आगोश मे खो जाने की
एक सांस जो मेरी आख़री हो आज
तेरी बाहों में बिताने की
एक इजाजत दे दो बस एक इज़ाज़त
एक फिर तुमको चाहने की
एक और फिर सपने में आने की
आकर हाले दिल बताने की
एक इजाजत चाँद तुमको कहने की
एक फिर चाँद को पाने की
एक भीनी चांदनी की लौ में फिर
सारी रात बिताने की
एक इजाजत तेरी आँखों में डूब जाने की
एक फिर नशीली झील मे डूब जाने की
एक प्याला उस जाम का फिर
तुम्हारे हाथ से पीने की
एक इजाजत और है बस तेरी बाहों में सोने की
एक फिर सीने की आगोश मे खो जाने की
एक सांस जो मेरी आख़री हो आज
तेरी बाहों में बिताने की
एक इजाजत दे दो बस एक इज़ाज़त
--सोनू अग्रवाल
प्यार के एहसास में डूबी हुई प्रस्तुति
ReplyDeleteधन्यवाद अनु दी
Deleteदिल में जुर्रत रखिये
ReplyDeleteइजाजत भी मिल जायेगी...
बढ़िया.... सुन्दर
शुक्रिया राहुल
Deleteप्यार में पगी हुई हर दिल की आरजू..बहुत हीं सुन्दर...
ReplyDeleteधन्यवाद स्वाति
DeletePyar aatm yyag v balidaan hy; yeh aankhon se nhi, dil se ho jata he Isi liye prem ke Devta ko blind kahte hain .
ReplyDeleteधन्यवाद मलिक साहब
Deleteप्यार में इज़ाज़त कैसी ..प्यार तो बस प्यार है ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्यारी प्रस्तुति
शुक्रिया दीदी
Deleteभावमय करते शब्दों का संगम ... बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteशुक्रिया बहन सीमा
Deleteमेरी पसंद को पसंद किया आपने
beautiful :)
ReplyDeleteधन्यवाद माही
Deleteबहुत प्यारी रचना....
ReplyDelete<3
अनु
खूबसूरत कविता
ReplyDeleteसादर
premras se bhari ek sunder rachna
ReplyDeleteshubhkamnayen
pyar bhari rachna....
ReplyDelete''इश्क है तो इश्क में इज़ाज़त भी होगी...बस ख्यालों का फासला न रखा करो''
ReplyDeleteआपके अल्फाजों का जवाब नहीं...लाजवाब प्रस्तुति!
लाज़वाब लिखा है आप्ने… बहुत ही खूबसूरत रचना
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