Wednesday, April 18, 2012

काँटों में मुस्कुराओ तो कोई बात बने............मनीष गुप्ता

ख़यालों का तूफ़ा कब से दबाये बैठे हो
उसे होठों पे लाओ तो कोई बात बने
 
ख्वाब रोज़ रातों को देखा करते हो
कभी हकीकत में आओ तो कोई बात बने
 
यूं तो धरती पर सदियों से रहते हैं हम
तुम आसमां छू के दिखाओ तो कोई बात बने

        फूलों की खुशबू में खोये रहते हो रात दिन
        कभी काँटों में मुस्कुराओ तो कोई बात बने
 
मुझे यकीं है तुम मंजिल को पा लोगे एक दिन
 एक राह मुझको भी दिखाओ तो कोई बात बने

        यूं तो एहसास है हम सभी को अपने गमों का
        गैरों के आँसू अपनी आँख में लाओ तो कोई बात बने

 खुद झूठे हो मुझसे वफा की उम्मीद करते हो
 कभी दिल के अंधेरे को मिटाओ तो कोई बात बने

        ये धर्म ये समाज ये दक़ियानूसी बातें
        खुद को इनसे जुदा पाओ तो कोई बात बने

 लाख कोशिश के बाद कुछ न कुछ बन जाओगे तुम भी
 किसी के दिल में थोड़ी सी जगह पाओ तो कोई बात बने
-----मनीष गुप्ता

15 comments:

  1. मुझे यकीं है तुम मंजिल को पा लोगे एक दिन
    एक राह मुझको भी दिखाओ तो कोई बात बने

    यूं तो एहसास है हम सभी को अपने गमों का
    गैरों के आँसू अपनी आँख में लाओ तो कोई बात बने
    वाह ...बहुत खूब ...इस बेहतरीन प्रस्‍तुति के लिए आभार ।

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  2. sundar rachna .jab yuva hindi men ljkhten haen to man se duaa karti hun ki sda hi anvarat ye safar chalta rhe.

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    1. शुक्रिया संगीता जी

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  3. ये धर्म ये समाज ये दक़ियानूसी बातें
    खुद को इनसे जुदा पाओ तो कोई बात बने

    Bahut Sunder...

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    1. बहुत खूब.
      कृपया मेरी १५० वीं पोस्ट पर पधारने का कष्ट करें , अपनी राय दें , आभारी होऊंगा .

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  4. फूलों की खुशबू में खोये रहते हो रात दिन
    कभी काँटों में मुस्कुराओ तो कोई बात बने
    सुनते - पढ़ते सब , हकीकत में अपनाएँ तो सार्थक बने .... !!

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    1. शुक्रिया दीदी
      शुभ प्रभात

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  5. बहूत हि बेहतरीन रचना...

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    1. शुक्रिया रीना बहन

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  6. यूं तो एहसास है हम सभी को अपने गमों का
    गैरों के आँसू अपनी आँख में लाओ तो कोई बात बने
    खुद झूठे हो मुझसे वफा की उम्मीद करते हो
    कभी दिल के अंधेरे को मिटाओ तो कोई बात बने

    इन्सान होने का तकाजा यही है की किसी के काम आये..
    ..बहुत सुन्दर नेक प्रस्तुति ...

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    1. शुभ प्रभात
      शुक्रिया

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  7. शुभ प्रभात
    धन्यवाद

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