मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Wednesday, January 27, 2021
याद के पहरों में जीते हैं ...अस्तित्व "अंकुर"
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तुम्हारे साथ गुज़री याद के पहरों में जीते हैं, हमें सब लोग कहते हैं कि हम टुकड़ों में जीते हैं, हमें ताउम्र जीना है बिछड़ कर आपसे लेकिन, बचे लम...
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Tuesday, January 26, 2021
काव्य ककहरा ....डॉ. अंशु सिंह
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काव्य ककहरा जिससे सीखा भूल गई उन हाथों को स्वार्थ सिद्धि के खातिर अपनी तोड़ दिया सब नातों को कलम पकड़ना नहीं जानती शब्द शब्द सिखलाये थे हर पल ...
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Monday, January 25, 2021
मैं अच्छी नहीं हूं ...पूजा गुप्ता
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मैं अच्छी नहीं हूं मुझे मेहँदी लगानी नहीं आती। ना ही रंगोली बनानी आती। मैं बंद बोतल के ढक्कन जैसी। मुझे दही जमानी नहीं आती। ना कभी व्रत की प...
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Friday, January 22, 2021
मरने की चाहत होती जाती है ...अँजू डोकानिया
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मुहब्बत क्या हुई जैसे इबादत होती जाती है| कि सजदे में झुकने की आदत होती जाती है|| चलाओ तीर कितने भी सितम चाहे करो जितने| जो उल्फत हो गई इक...
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Thursday, January 21, 2021
लड़की और चांद ...ज्याति खरे
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चाँद चुपके से खिड़की के रास्ते कमरे में रोज आता है लड़की अपने करीब आता देख मुस्कुराती है देखती है देर तक छू लेती है मन ही मन उसे चाँद लड़...
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Tuesday, January 19, 2021
रंगों का मौसम ...मंजू मिश्रा
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रंगों का मौसम पतंगों का मौसम तिल-गुड़ की सौंधी मिठास का मौ सम लो शुरू हुआ नया साल ।१। मौसम का मिज़ाज बदला हवा का अन्दाज़ और बदली सूर्य ...
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Monday, January 18, 2021
रज़ा ...डॉ. नवीनमणि त्रिपाठी
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जिनको तेरी रज़ा नहीं मिलती । आशिक़ी को हवा नहीं मिलती ।। इश्क़ गर बेनक़ाब होता तो। हिज्र की ये सज़ा नहीं...
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