मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह

Thursday, December 13, 2018

शिशिर की राका-निशा की शान्ति है निस्सार!.....सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय"

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वंचना है चाँदनी सित, झूठ वह आकाश का निरवधि, गहन विस्तार- शिशिर की राका-निशा की शान्ति है निस्सार! दूर वह सब शान्ति, वह सित भव्यता,...
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Wednesday, December 12, 2018

सुबह की पलकों पे शबनमी क़तरे ...........श्वेता सिन्हा

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दो दिन का इश्क़ ------- मेरी तन्हाइयों में   तुम्हारा एहसास  कसमसाता है,  तुम धड़कनों में  लिपटे हो  मेरी साँसें बनकर। बेच...
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Tuesday, December 11, 2018

सिकुड़ गए दिन ....कुमार रवींद्र

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ठंडक से सिकुड़ गए दिन हवा हुई शरारती -  चुभो रही पिन रंग सभी धूप के हो गए धुआँ मन के फैलाव सभी हो गये कुआँ कितनी हैं...
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Monday, December 10, 2018

चलते-चलते ....सीमा 'सदा' सिघल

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मुसाफि़र सी इस जिंदगी में जो किसी के साथ चलना जानता है जो साथ चलते-चलते  किसी का हो जाना चाहता है  जो किसी का होकर  उसे अपना ब...
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Sunday, December 9, 2018

है प्यार उसको तो सारे जहान से........प्रीती श्रीवास्तव

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तुम्हारी नजर में जो चांद दागदार है। रौशन सारा जहां उससे ही यार है।। है प्यार उसको तो सारे जहान से। सब पर बरसती चांद की बहार है।।...
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Saturday, December 8, 2018

सार्थक....सरोज दहिया

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कष्टों से मुक्ति मिल जाये ऐसा कुछ प्रयास करो, सावधान रहकर कांटों से फूल फूल चुन लिया करो; तो भी कंटक चुभ ही जायें तो भी क्या...
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Friday, December 7, 2018

बजी कहीं शहनाई सारी रात.....रमानाथ अवस्थी

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सो न सका कल याद तुम्हारी आई सारी रात और पास ही बजी कहीं शहनाई सारी रात। मेरे बहुत चाहने पर भी नींद न मुझ तक आई ज़हर भरी जादूगरनी ...
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  • Digvijay Agrawal
  • Sweta sinha
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