मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Wednesday, November 25, 2015
है ये तो सुनी हुई आवाज़.......... फिराक गोरखपुरी
›
1896-1982 तमाम कैफ़ ख़मोशी तमाम नग़्म-ए-साज़ नवा-ए-राज़ है ऐ दोस्त या तेरी आवाज़ मेरी ग़ज़ल में मिलेगा तुझे वो आलमे-राज़ जह...
6 comments:
Monday, November 23, 2015
जो तुम आ जाते एक बार...........महादेवी वर्मा
›
कितनी करूणा कितने संदेश पथ में बिछ जाते बन पराग गाता प्राणों का तार तार अनुराग भरा उन्माद राग आँसू लेते वे पथ पखार जो तु...
5 comments:
Sunday, November 22, 2015
हम तुम एक नया जहां बना लें.......पुष्पा परजिया
›
चलो न मितरा कुछ सपने सजा लें, हम तुम एक नया जहां बना लें। आ जाओ न मितवा कभी डगर हमारी, तुमसे बतियाकर अपना मन बहला लें। भर...
3 comments:
Monday, November 16, 2015
फैसला इम्तिहान पर होगा..............चाँद शेरी
›
जब परिन्दा उड़ान पर होगा तीर कोई कमान पर होगा देश की एकता का सुर इक दिन देखना हर जबान पर होगा छिड़ गई फिर वही महाभारत ...
2 comments:
Saturday, November 14, 2015
फिर से बचपन दे दे जरा.............. पुष्पा परजिया
›
निशब्द, निशांत, नीरव, अंधकार की निशा में कुछ शब्द बनकर मन में आ जाए, जब हृदय की इस सृष्टि पर एक विहंगम दृष्टि कर जाए ...
5 comments:
Wednesday, November 11, 2015
दीप मेरे जल अकंपित घुल अचंचल..महादेवी वर्मा
›
सिंधु का उच्छवास घन है तड़ित तम का विकल मन है भीति क्या नभ है व्यथा का आँसुओं में सिक्त अंचल स्वर अकम्पित कर दिशाएँ म...
9 comments:
Sunday, November 8, 2015
केसर-चंदन सा महकाने के लिए.... फाल्गुनी
›
रोज ही एक नन्ही सी नाजुक-नर्म कविता सिमटती-सिकुड़ती है मेरी अंजुरि में.. खिल उठना चाहती है किसी कली की तरह... शर्मा उ...
3 comments:
‹
›
Home
View web version