कुछ इस तरह समझा रही
उम्र की क्या बिसात जो रोके
जब हिम्मते जवानी छा गई !
पोपली मुस्कान देखो
हँस के यू फरमा रही
जोश कब रोके रुका है
हमको भी इबारत आ गई !
जर्जर बँधन खोल रही है
अब ये वृद्ध जवानी
घर से हमको बेघर करदे
ये ....पुरानी हुई कहानी !
डॉ. इन्दिरा गुप्ता
सुन्दर
ReplyDeleteवाह, बहुत बढ़िया
ReplyDeleteआभार सभी का 🙏
ReplyDeleteइस फोटो ने तो दिल जीत लिया...कहां से ढूढ़ा इसे इंदिरा जी...पोपली मुस्कान देखो
ReplyDeleteहँस के यू फरमा रही
जोश कब रोके रुका है
हमको भी इबारत आ गई ...बढ़िया रचना