Sunday, July 23, 2017

आंखो से गिरे है मोती हजारो.....प्रीती श्रीवास्तव

तेरी बेवफाई का शिकवा सनम ! 
मै किसी से कर नही सकती !!

है गुनाहगार तू मेरा कहकर !
साहिब आहें भर नही सकती!!

इल्जाम क्या दूं मै तुझको !
बिन आइना संवर नही सकती !!

की हिमाकत मैने जहां मे सनम !
संगदिलो से जंग लड़ नही सकती !!

अब तो खुदाया का आसरा है !
दर्दे-दिल से अब गुजर नही सकती !!

लिख दूं नाम तेरा हर हरफ पर!
शरारत मै ऐसी कर नही सकती !!

तारीफ क्या करूं उस नाचीज की !
आबरू जिसकी बिगड़ नही सकती !!

आंखो से गिरे है मोती हजारो !
दामन खाली ये भर नही सकती !!

तराना क्या छेड़ू ग़ज़ल मे !
प्रीत बिन मुकम्मल कर नही सकती !!

कुछ नया कर जाऊं तो अच्छा! 
आखिरी दम मगर पढ़ नही सकती !!

सात फेरे सात जन्मों का बंधन!
सात आरजुये मगर निखर नही सकती!!

कर जाये वो वफा तेरे साथ भी! 
उम्मीद न कर ठहर नही सकती !!

तेरी पालकी में चार फूल अच्छे !
तेरे नाम से बगिया बिखर नही सकती !!

-प्रीती श्रीवास्तव..

18 comments:

  1. सुप्रभात *´¨`*•.¸¸.•*´¨`*•.¸¸.•*´¨`*•.¸ ...हरे कृष्ण, हरे-कृष्ण,कृष्ण कृष्ण हरे हरे,. हरे...*...*...*

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  2. क्या बात बहुत खूब👌👌

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  3. सात फेरे सात जन्मों का बंधन!
    सात आरजुये मगर निखर नही सकती!!

    सुंदर रचना, बधाई

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  4. सात फेरे सात जन्मों का बंधन!
    सात आरजुये मगर निखर नही सकती!!

    सुंदर रचना, बधाई

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  5. सुंदर रचना के लिए बधाई

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  6. सुन्दर रचना हेतु बधाई

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  7. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 24 जुलाई 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"

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  8. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 24 जुलाई 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"

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  9. बहुत खूबसूरत रचना

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  10. तेरे नाम की बगिया बिखर नहीं सकती
    वाह!!!!
    बहुत सुन्दर.....

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  11. बहुत लाजवाब है हर बात ... सुन्दर रचना ...

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  12. बहुत सुन्दर रचना ==

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  13. बहुत सुन्दर रचना

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  14. Replies
    1. आदरणीय भैय्या जा
      अच्छी रचनाओं के कद्रदान
      अपने आप को प्रतिक्रिया लिखने से रोक नही पाते
      सादर.....

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