दुनिया देखी लाेग देखे।
राक्षस देखे फ़रिश्ते देखे।
रिश्ते देखे दोस्त देखे।
हर कही पर मिलावट देखी।
अलग अलग रंगो के फूल देखे।
एक माँ ही है जो देती है सब सुख
उसके प्यार मे ना मिलावट।
ना कभी चेहरे पे शिकायत देखी।
बाकि तो सबके साथ अच्छा करने
पर भी हर बार शिकायत देखी।
विमल गांधी
सही कहा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ।
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ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (12-09-2016) को "हिन्दी का सम्मान" (चर्चा अंक-2463) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'