Wednesday, December 16, 2015

याद आया तो ज़रूर होगा !! ..............सदा













कभी प्रेम  
कभी रिश्ता कोई  
बन गया हमनवां जब  
तुमने जिंदगी को  
हँस के गले  
लगाया तो ज़रूर होगा ! 
... 
मांगने पर भी 
जो मिल न पाया 
ऐसा कुछ छूटा हुआ 
बिछड़ा हुआ 
कभी न कभी 
याद आया 
तो ज़रूर होगा !! 
... 
कोई शब्द जब कभी 
अपनेपन की स्याही लिए 
तेरा नाम लिखता 
हथेली पे 
तुमने चुराकर नज़रें 
वो नाम 
पुकारा तो ज़रूर होगा!!! 
...
सीमा सदा
http://sadalikhna.blogspot.in/2015/07/blog-post.html

6 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17-12-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2193 में दिया जाएगा
    आभार

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  2. आपकी ये पंक्तियाँ पढ़कर दिल सीधा उन अधूरे पलों तक चला गया, जहाँ चाहकर भी कुछ हाथ नहीं आता। सच कहूँ तो आपने बहुत खूबसूरती से उन अनकहे जज़्बातों को पकड़ लिया है, कभी नाम हथेली पर लिखना, कभी चुराई हुई नज़रें, कभी खोए रिश्तों की कसक। ये सब पढ़कर लगता है जैसे हर किसी की अपनी अधूरी कहानी इन शब्दों में छुपी है।

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