प्यार इतना किया हमने................फाल्गुनी
ओस की हर बूंद को
छू कर देखा था कई बार
कच्चे प्यार की तरह
विलीन हो गई,
तुम होते गए श्वेत श्याम
मुझे पा लेने के बाद
पता नहीं क्यों मैं रंगीन हो गई
प्यार इतना किया हमने कि
तुम दिन से रात हो गए
और ना जाने कब मेरी रातें
दिन हो गई...
-फाल्गुनी
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, जीना सब को नहीं आता - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 25-06-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2017 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
तुम होते गए श्वेत श्याम
ReplyDeleteमुझे पा लेने के बाद
पता नहीं क्यों मैं रंगीन हो गई
क्या बात है ......वाआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
बहुत खूब
ReplyDeleteक्या बात है ...!!!
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