तवायफ की मांग में सिंदूर,
लंगूर के हाथ में अंगूर।
बगुले की चोंच में हीरा,
ऊंट के मुहं में जीरा।
बंदरों के पास कार,
गधों के हाथ में सरकार।...
कैसे-कैसे कारनामे हो रहे हैं,
और आप रजाई ओढ़ के सो रहे हैं।
बोले प्रभु : मैं अपने काम में सिद्ध हस्त हूं,
पर आजकल थोड़ा व्यस्त हूं।
फिर भी दिन रात आगे बढ़ रहा हूं,
फिलहाल तो चार-पांच केस लड़ रहा हूं।
मैं बोल्योः
प्रभु ! महंगाई बहुत बढ़ रही है,
सलमान खान की लोकप्रियता की तरह
म्हारे माथे पर चढ़ रही है।
अक्षय कुमार की तरह ठंडा पीजिए और
एक बार फिर अवतार लीजिए।
बोले प्रभु :
सलमान खान की लोकप्रियता की तरह
म्हारे माथे पर चढ़ रही है।
अक्षय कुमार की तरह ठंडा पीजिए और
एक बार फिर अवतार लीजिए।
बोले प्रभु :
एक बार हम धरती पर विचरण करने निकले थे।
दो नेताओं ने हमारी जेब काट ली,
आधी-आधी दौलत दोनों पार्टियों ने बांट ली।
ये कलयुग है यहां देवताओं का वास नहीं होता।
ये दुनिया मैंने बनाई है विश्वास नहीं होता...
दो नेताओं ने हमारी जेब काट ली,
आधी-आधी दौलत दोनों पार्टियों ने बांट ली।
ये कलयुग है यहां देवताओं का वास नहीं होता।
ये दुनिया मैंने बनाई है विश्वास नहीं होता...
-बलवीर कुमार
विश्वास तो करना पड़ेगा की यह दुनिया आपने बनाई...उत्तम
ReplyDeletelatest post आभार !
latest post देश किधर जा रहा है ?
waaaaaaaaah
ReplyDeleteभगवान भी सोच में पड़े हैं यह सब देखकर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
आभार!
सुन्दर अभिव्यक्ति .खुबसूरत रचना
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