मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Thursday, October 10, 2019
हिन्दी के हिमायती बन कर, संस्थाओं से नेह जोड़िये..काका हाथरसी
›
प्रकृति बदलती क्षण-क्षण देखो, बदल रहे अणु, कण-कण देखो| तुम निष्क्रिय से पड़े हुए हो | भाग्य वाद पर अड़े हुए हो| छोड़ो मित्र ! ...
5 comments:
Wednesday, October 9, 2019
"एक नया व्यंग्य लिखा है, सुनोगे?" ...शैल चतुर्वेदी
›
शैल चतुर्वेदी 29 जून 1936 -29 अक्टूबर 2007 आप हिंदी के प्रसिद्ध हास्य कवि, गीतकार और बॉलीवुड के चरित्र अभिनेता थे। प्रस्तुत है ...
4 comments:
Tuesday, October 8, 2019
खट्टी चटनी-जैसी माँ ...निदा फ़ाजली
›
बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी-जैसी माँ याद आती है चौका-बासन चिमटा, फुकनी-जैसी माँ बान की खुरीं खाट के ऊपर हर आहट पर कान ...
5 comments:
Monday, October 7, 2019
"मै जा रहा हूँ।"
›
एक सेठ से लक्ष्मी जी रूठ गई । जाते वक्त बोली मैं जा रही हूँ... और... मेरी जगह नुकसान आ रहा है । तैयार हो जाओ। लेकिन मै तुम्...
4 comments:
Sunday, October 6, 2019
उसको देखूँ मैं बंद आँखों से ...मनु भारद्वाज 'मनु'
›
नाम से भी मेरे नफ़रत है उसे मुझसे इस दर्जा मुहब्बत है उसे मुझको जीने भी नहीं देता वो मेरे मरने की भी हसरत है उसे रूठ जाऊँ तो ...
6 comments:
Saturday, October 5, 2019
पहले चला गया कोई.... अंसार कम्बरी
›
आता नहीं क़रार दिले-बेक़रार में इक दिल है वो भी अपने कहाँ इख़्तियार में वो मुब्तला है ग़म में, ख़ुशी में या प्यार में इक दिल है वो भी...
4 comments:
Friday, October 4, 2019
कारगाहे हस्ती में यूँ फंसी है 'ज़ोया'....VenuS "ज़ोया"
›
तौक़ीर ओ ऐतबार ओ इस्मत हो या हो 'माँ का प्यार' ये वो दौलत है , जो फिर ना मिले उम्र भर कमाने से ए दिल चल के ढूंढें नया और...
13 comments:
‹
›
Home
View web version