मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Saturday, January 6, 2018
धूप के कुछ टुकड़े.....शिवराम के
›
पेड़ों की टहनियों से धूप के टुकड़ों सा, तुम्हारी यादें छनकर मेरे स्मृति पटल पर सिमट जाती है. आती हो अक्सर कुछ इसी तरह, फिर हल्की हवा ...
4 comments:
Friday, January 5, 2018
मैं उसकी माँ हूँ....रश्मि भटनागर
›
पहली बार जब उसे छुआ, लगा..ओस में भींगे गुलाब को छुआ..! उसकी चमकती आँखों ने हर बार मेरी आँखों में पालते सपनों को छुआ। दुःख की तेज़...
3 comments:
Thursday, January 4, 2018
फ़स्ल काँटों की पहले आती है....सचिन अग्रवाल
›
ज़ुल्म पर जब शबाब आएगा देखना इंक़लाब आएगा उसकी ज़िद है तो टूट जाने दे कल कोई और ख़्वाब आएगा मौत! डर इसलिए भी लगता है उम्र ...
3 comments:
Wednesday, January 3, 2018
मैं जा रहा हूँ मेरा इन्तेज़ार मत करना....अनवर जलालपुरी
›
मशहूर शायर ज़नाब अनवर जलालपुरी का कल दिन को 10 दस बजे लखनऊ में इन्तेकाल हो गया आज उनके शहर जलालपुर में सुपुर्देख़ाक किया जाएगा 06 जु...
4 comments:
Tuesday, January 2, 2018
एक सौदा था जिसने सर छोड़ा....शीन काफ़ निज़ाम
›
अक्स ने आईने का घर छोड़ा एक सौदा था जिसने सर छोड़ा भागते मंज़रों ने आंखों में ज़िस्म को सिर्फ़ आंख भर छोड़ा हर तरफ़ रोशनी फै...
5 comments:
Monday, January 1, 2018
कौन है हमसे बढ़के....केशव शरण
›
क्यों नसीबों की बात करते हैं जब ग़रीबों की बात करते हैं फिर कहेंगे हमें उठाने को वो सलीबों की बात करते हैं किनके अल्फ़ाज़ ...
5 comments:
Sunday, December 31, 2017
मैं पुरूष था....नीरज द्विवेदी
›
मैं पुरूष था, नही समझ पाया स्त्री होने का मर्म.. वो स्त्री थी, जानती थी.. मेरे पुरूष होने का सच !! -नीरज द्विवेदी
5 comments:
‹
›
Home
View web version