मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Friday, September 8, 2017
जड़ें…मंजू मिश्रा
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काश कि हम लौट सकें अपनी उन्ही जड़ों की ओर जहाँ जीवन शुरू होता था परम्पराओं के साथ और फलता फूलता था रिश्तों के साथ ** म...
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Thursday, September 7, 2017
अब जाएँ कहाँ दिल के ठिकाने से निकलकर.....राजेश रेड्डी
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सोचा न कभी खाने कमाने से निकलकर हम जी न सके अपने ज़माने से निकलकर जाना है किसी और फ़साने में किसी दिन आये थे किसी और फ़साने से निकलकर...
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Wednesday, September 6, 2017
प्रेम-समर्पण....डॉ. निधि अग्रवाल
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हम स्त्रियां किसी से प्रेम नहीं करतीं...... हमें तो प्रेम है बस प्रेम के अहसास से! हर रिश्ते में यह अहसास ही तलाशा करती हैं जिसमें मिल ज...
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Tuesday, September 5, 2017
प्रेत आएगा....बद्री नारायण
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किताब से निकाल ले जायेगा प्रेमपत्र गिद्ध उसे पहाड़ पर नोच-नोच खायेगा चोर आयेगा तो प्रेमपत्र ही चुराएगा जुआरी प्रेमपत्र ही दांव लगाएग...
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Monday, September 4, 2017
प्रतीक्षा...........महाकवि हरिवंश राय बच्चन
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मधुर प्रतीक्षा ही जब इतनी, प्रिय तुम आते तब क्या होता? मौन रात इस भाँति कि जैसे, कोई गत वीणा पर बज कर, अभी-अभी सोई खोई-सी सपनों म...
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Sunday, September 3, 2017
औकात.....रचनाकार अज्ञात
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एक माचिस की तिल्ली, एक घी का लोटा, लकड़ियों के ढेर पे, कुछ घण्टे में राख..... बस इतनी-सी है आदमी की औकात !!!! एक बूढ़ा बाप शाम क...
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Saturday, September 2, 2017
वक़्त के साथ दौड़ता..वक़्त
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आज मेरी सदा दीदी का जन्म दिन है.. प्रस्तुत है उन्हीं की लिखी एक कविता.. सब कुछ पा लेने के भ्रम में वह जाने कितना कुछ खोता चला गया ...
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