मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Wednesday, February 8, 2017
मेरा एतबार बोलता है.....राहत इंदौरी
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मेरा ज़मीर, मेरा एतबार बोलता है मेरी ज़बान से परवरदिगार बोलता है तेरी ज़बान कतरना बोहत ज़रूरी है तुझे मर्ज़ है कि तू बार बार बोलता है...
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Tuesday, February 7, 2017
प्यार में रस्साकसी....प्राण शर्मा
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नित नयी नाराज़गी अच्छी नहीं प्यार में रस्साकसी अच्छी नहीं दिल्लगी जिंदादिलों से कीजिये दिलजलों से दिल्लगी अच्छी नहीं एक रब ...
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Monday, February 6, 2017
मुझे क्यों सदा दी गई थी....
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भड़कने की पहले दुआ दी गई थी। मुझे फिर हवा पर हवा दी गई थी। मैं अपने ही भीतर छुपा रह गया हूं, ये जीने की कैसी अदा दी गई थी। ...
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Sunday, February 5, 2017
कब हमने सोचा था.....आशा जोगलेकर
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कब हमने सोचा था कि ये पैर डगमगायेंगे, बेटे हमारे लिये फिर लाठी ले के आयेंगे। खाना बनाने से भी हम इतने थक जायेंगे सीढी बिना रेलिं...
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Saturday, February 4, 2017
पतंग उड़ी है बसंत में......प्राण शर्मा
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खुशबू भरी बयार बही है बसंत में फूलों की ख़ूब धूम मची है बसंत में फूलों के जेवरों से सजी है बसंत में हर वाटिका दुल्हन सी बनी है ...
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Friday, February 3, 2017
सूर्य उत्तरायण हुए...इन्दु पाराशर
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'लोहड़ी' 'पोंगल' जा चुके गई मकर संक्रान्ति। सूर्य उत्तरायण हुए, होगी शीत समाप्ति।। नूतन किसलय बांचती, परिवर्...
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Thursday, February 2, 2017
ठिठुरन का अन्त आ गया.........शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
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पीत पीत हुए पात सिकुड़ी-सिकुड़ी-सी रात ठिठुरन का अन्त आ गया देखो बसन्त आ गया। मादक सुगन्ध से भरी पन्थ पन्थ आम्र मंजरी कोयल...
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