मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Wednesday, January 11, 2017
किताब......गिरधर गांधी
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घुंघट उठाकर देखा सृष्टि यूहीं खोलकर किताब ज्ञान हुआ पन्ने पलट-पलटकर हौले-हौले विद्वान हुआ... लगाव हुआ था बचपन से ही, बातें सिख...
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Tuesday, January 10, 2017
वो आएं फ़कीरी का आँचल ओढ़........... श्री पंकज त्रिवेदी
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रफ़्ता रफ़्ता कोई आ जाएं करीब पता न चले वो आएं फ़कीरी का आँचल ओढ़ पता न चलें किवाड़ों से वो देखता रहा उन्हें दिन-रात यहाँ दिल की द...
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Monday, January 9, 2017
गुमराह...........ममता भारद्वाज
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करते रहे ओ हमें गुमराह और हम उनको ही प्यार की परिभाषा समझ बैठे करके जिंदगी से बेपनाह अपनों को हम उनके ही समक्ष हो बैठे देते ...
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Wednesday, January 4, 2017
लड़कियों के घर नहीं होते.........शकुंतला सरुपरिया
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ना जाने क्यूं लड़कियों के अपने घर नहीं होते जो उड़ना चाहें अंबर पे, तो अपने पर नहीं होते आंसू दौलत, डाक बैरंग, बंजारन-सी जिंदग...
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Tuesday, January 3, 2017
तिल तिल तड़पती हूं............ममता भारद्वाज
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तिल-तिल तड़पती हूं चलने के बावजूद उस राह पर! कदम कदम पर गिरती हूं फिर भी संभलती हूं प्यारी सी दुनिया को पाने की चाह में!! ...
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Monday, January 2, 2017
लगाया दांव पर दिल को.........ठाकुर दास' सिद्ध'
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लगाया दांव पर दिल को जुआरी है, मगर हारा कि दिल क्या, जान हारी है। पयामे-यार आना था नहीं आया, कहें किससे कि कितनी बेकरारी ...
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Sunday, January 1, 2017
बहन-बेटियों की सुरक्षा करें ....यशोदा
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नूतनवर्षाभिनन्दन नया वर्ष शुभ हो सहन किया वर्ष सोलह को इसे भी कर लेंगे सहनशील होते हैं हम भारतीय.. काफी से अधिक सहते रहते हैं हर ज...
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