मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह

Friday, December 16, 2016

दर्द इतना कहाँ से उठता है.........

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दर्द इतना कहाँ से उठता है। ये समझ लो की जाँ से उठता है। सबसे आँखें चुरा रहा था मै गम मगर अब जुबां से उठता है। वो असर एक दिन द...
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Thursday, December 15, 2016

रहने दो मन को फूल सा..........प्राण शर्मा

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बेचारियों के मन सदा क्योंकर दुखाओ तुम फूलों पे बैठी तितलियों  को क्यों उड़ाओ तुम रहने दो मन को फूल सा ऐ मेरे हमसफ़र पत्थर की तरह क...
Wednesday, December 14, 2016

सूर्य की प्रथम रश्मि...........निधि सक्सेना

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  सूर्य की प्रथम रश्मि   देर तक रही उनींदी बलपूर्वक जागी भरी अंगड़ाई अधमुंदे नैनों से सूर्य को देख   लजाई नेह से मुस्काई बादलों के ...
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Tuesday, December 13, 2016

बिखर गया मेरी हथेलियों में..........सीमा 'सदा' सिघल

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ये बिखराव कैसा है जिसे समेटने के लिए मेरी हथेलियां दायरे बनाती हैं फिर कुछ समेट नहीं पाने का खालीपन लिये गुमसुम सी मन ही मन आहत हो जा...
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Monday, December 12, 2016

सफल वक्त........... अनूप तिवारी

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ऐ मेरे वक्त तू बहुत याद आता है तेरी ठोकरों पर भी प्यार आता है तुझसे जो पाया मैंने,  वो भुलाया नहीं जाता सफलता के उस एहसास को,  दिल...
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Sunday, December 11, 2016

कहीं वो ग़ज़ल तो नहीं.... ठाकुर दास 'सिद्ध'

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ज़माना सरल तो नहीं। परोसा गरल तो नहीं। अँधेरे में रोशन दिखा, किसी का महल तो नहीं। भटकता फिरे है कोई, हुआ बेदख़ल तो नहीं। ...
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Saturday, December 10, 2016

प्रिय के लिये तरसता रहा.....मीना जैन

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रात भर मेरे आँगन हरसिंगार झरता रहा रात भर पू्र्णिमा का चाँद लहरों से गुहार करता रहा रात भर सागर का ज्वार तट पर आकर गरजता रहा र...
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  • Digvijay Agrawal
  • Sweta sinha
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