मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Tuesday, July 5, 2016
हमने उनको पास बुलाया लेकिन वो ही आ न सके....महेश चन्द्र गुप्त ख़लिश
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हमने उनको पास बुलाया लेकिन वो ही आ न सके ख़त में सब कुछ लिख न सके, दिल भी अपना दिखला न सके दिन, हफ़्ते, माह बीत गए अब तो , कितने...
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Saturday, July 2, 2016
माँ की व्यथा.............आभा नौलखा
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आज यह कड़ा निर्णय लेते हुए निकुंज की आँखों के सामने उसकी पूरी जिंदगी एक चलचित्र की भाँति घूम गई। उसे आज भी याद है वह शाम जब मम्मी-पापा ने ...
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Tuesday, June 28, 2016
आँखों में है चाँदनी, होठों पर अब गान
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आँखों में है चाँदनी, होठों पर अब गान। मन से मन है मिल गया, त्यागा जब अभिमान ।। 1 ।। तुलसी चौरा सिंचती, देती संध्या दीप। मा...
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Tuesday, June 7, 2016
क्यूँकि लाखों हैं यहाँ स्वाँग रचाने वाले.....कुँवर कुसुमेश
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फिक्र बिलकुल न करें आग बुझाने वाले। पानी पानी हैं सभी आग लगाने वाले। मुझको अहसासे-मुहब्बत पे गुमाँ है लेकिन, उनको अहसास करा द...
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Saturday, June 4, 2016
हम भाषा मज़हब में बट गये.....मनजीत कौर
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यूँ तो शहर से शहर सट गये हम भाषा मज़हब में बट गये देखी जो उनके चेहरे की रंगत हम उनकी राहों से ख़ुद हट गये ख़त्म हो रहा दौर ...
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Thursday, June 2, 2016
लड़की दो कविताएँ....डॉ. ऋतु त्यागी
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लड़की - १ लड़की सोचा करो बोलने से पहले क्योंकि तुम्हारे बोलने से डोलने लगती है पैरों के नीचे की धरती संकट में पड़ जाते ...
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Tuesday, May 31, 2016
एक अकेली लड़की...संकलित रचना
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एक लड़की थी रात को ऑफिस से वापस लौट रही थी देर भी हो गई थी... कुछ डरी सी कुछ सहमी सी.... पहली बार ऐसा हुआ काम भी ज्यादा था ...
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