मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Friday, June 27, 2014
जुगाड़...................मनीषा साधू
›
आज बुलाया है दोस्तों ने "बैठेंगे मिल के चार यार.." स्टाईल में सोच रहे हैं, क्या-क्या करेंगे तैयारियाँ कोई बनायेगा...
11 comments:
Friday, June 20, 2014
फिर मैंने सब कुछ हारा...............फाल्गुनी
›
तुमने रखा मेरी गुलाबी हथेली पर एक जलता हुआ शब्द-अंगारा और कहा कि चीखना मत बस यही सच है रिश्ता हमारा। तुमने चाहा कि तुम्हार...
12 comments:
Sunday, June 15, 2014
रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा.....डॉ. विष्णु सक्सेना
›
रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा, एक आई लहर तो कुछ बचेगा नहीं तुमने पत्थर सा दिल कह तो दिया हमको पत्थरों पर लिखोगे तो मिटेगा नहीं ...
9 comments:
Friday, June 13, 2014
लिख दूँ पाती बापू को....दिनेश प्रभात
›
फादर्स डे पर रात-रात भर खांसी चलती, नींद न आती बापू को, बिटिया जब से युवा हुई है, चिंता खाती बापू को. ढेरों दर्द,हज़ारों ग़म, वे अपने दि...
7 comments:
Thursday, June 12, 2014
फादर्स-डे.....संकलन
›
जून माह के तीसरे रविवार को फादर्स डे के रूप में मनाया जाता है। विश्व भर में देश और भाषा भले ही अलग हों लेकिन पिता का ओहदा सब जगह ...
3 comments:
Wednesday, June 11, 2014
मन कहीं खोना चाहता है............फाल्गुनी
›
खिले थे गुलाबी, नीले, हरे और जामुनी फूल हर उस जगह जहाँ छुआ था तुमने मुझे, महक उठी थी केसर जहाँ चूमा था तुमने मुझे, बह...
6 comments:
Tuesday, June 10, 2014
तुम्हारी यादें....................फाल्गुनी
›
जब-जब मानसून बरसा उसके साथ बरसे तुम तुम्हारी यादें तुम्हारी बातें और मेरी आँखें। जब-जब मानसून बरसा उसके साथ बरसा मेरा वज...
4 comments:
‹
›
Home
View web version