मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Saturday, April 26, 2014
कुछ आन जरुरी लगती है..........मनोज सिंह"मन"
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इक़ दर्द छुपा हो सीने में,तो मुस्कान अधूरी लगती है, जाने क्यों,बिन तेरे,मुझको हर शाम अधूरी लगती है, कहना है,तुमसे दिल को जो,वो बात जरुर...
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Wednesday, April 23, 2014
वो “इश्क” है............दिव्येन्द्र कुमार
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वो “इश्क” है , पर न इश्क समझता है अफ़सोस मेरी उल्फत को वो नफरत समझता है ! मुबारक हैं उसको ऊंचाईयां आजाद परिंदों की, पिंजड़े की कशमशाहट ...
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Tuesday, April 22, 2014
फूलों का सवेरे से बदन टूट रहा है ........सचिन अग्रवाल
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चेहरों पे जो बिखरी है शिक़न, टूट रहा है अच्छा है अदावत का चलन टूट रहा है किसकी थी महक़ रात वो गुलशन में अलग सी फूलों का सवेरे से बदन टू...
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Monday, April 21, 2014
किस्से तो बहुत होते है प्यार के यहाँ.........नीशीत जोशी
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पढ़ के किताब प्यार किया नहीं जाता, जब हो जाये तब से जिया नहीं जाता, किस्से तो बहुत होते है प्यार के यहाँ, "मजनू" नाम सबको दि...
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Sunday, April 20, 2014
ये दुनिया है दिल नही चेहरे देखती है...............प्रकाश सिंह बघेल ''बाबा''
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वो तो अब महल नही पहरे देखती है , ये दुनिया है दिल नही चेहरे देखती है , भले ही फुटपाथ पर सोती है वो आँख , लेकिन ख्वाब वो भी सुनहरे दे...
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Friday, April 18, 2014
बुरा है तो भला क्या है..........राजीव कुमार
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बुरा है तो भला क्या है, खलिश है तो खला क्या है सवालों से हुआ क्या है, सवालों में भला क्या है मुकद्दर अपने घर पे है, मुसीबत हर डगर पे ह...
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Thursday, April 17, 2014
प्रवासी कविता : बसंत-गीत.......शकुन्तला बहादुर
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सखि बसंत आ गया सबके मन भा गया धरती पर छा गया सुषमा बिखरा गया आमों में बौर लदे कुहू-कुहू भली लगे बागों में फूल खिले भौंरे हैं झूम चले मंद...
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